Table of Contents
एड्स (AIDS) इस बीमारी में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। इसलिए इसे Acquired Immune Deficiency Syndrome (AIDS) कहा जाता है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होने से रोगी शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। ऐसा व्यक्ति बुखार, सर्दी, खांसी जैसी आम बीमारियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
एड्स एक अत्यधिक संक्रामक संक्रामक रोग है जो एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएन्सी वायरस) द्वारा फैलता है।
एड्स कैसे फैला है:
- एड्स एचआईवी वायरस के संक्रमण के कारण होता है।
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से एड्स हो सकता है या जिसे एड्स का वायरस है लेकिन अभी तक स्पष्ट लक्षण नहीं हैं।
- असुरक्षित यौन संबंध, समलैंगिकता और वेश्यावृत्ति के कारण भी एड्स होता है।
- एचआईवी संक्रमित सुई, इंजेक्शन के माध्यम से एड्स फैलता है,
- एड्स एक संक्रमित माँ से उसके अजन्मे बच्चे में फैलता है।
- एड्स रक्त, वीर्य, मूत्र, लार और लार के संपर्क में आने से फैलता है।
एड्स के लक्षण:
- प्रतिरक्षा में कमी,
- थक जाना
- धीरे-धीरे वजन कम होना,
- शरीर में ऐंठन,
- बुखार,
- अत्यधिक रात पसीना,
- लंबे समय तक दस्त,
- मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं,
- लक्षणों में भूख में कमी शामिल हो सकती है।
निवारक उपाय:
- चूंकि एड्स के लिए कोई निश्चित इलाज नहीं है, इसलिए इसका रोकथाम करना सबसे अच्छा उपाय है।
- असुरक्षित यौन संबंध, वेश्यावृत्ति और समलैंगिकता से दूर रहना महत्वपूर्ण है।
- दूषित सुइयों, इंजेक्शनों को ठीक से निपटाया जाना चाहिए। प्रत्येक रोगी को इंजेक्शन लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- रक्त लेने से पहले, सुनिश्चित करें कि वे एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं।
- दवाओं का उपयोग न करें।