पुरुष – किशोरावस्था (Male Adolescence)

भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति(National Youth Policy) में किशोरों को 13-19 वर्ष के रूप में परिभाषित किया है। किशोरावस्था में आपका शरीर बच्चे से वयस्क बनाना शुरु हो जाता है| किशोरावस्था में शरीर में 9 से 15 साल की उम्र में बदलाव आने शुरु हो जाते हैं।

किशोरावस्था में हार्मोन्स के कारण होने वाले कुछ बदलाव :

आपके चेहरे पे हल्केसे दाढ़ी और, मूंछ निकलना, छाती या बगलों में और जाघों के बीच बाल आना। आवाज़ में भारीपन होना| मांसपेशियों में बजबूती आना| कुछ किशोरों के चेहरे पर धब्बे या मुहांसे निकलना। अधिक पसीना और पसीने की बदबू आने जैसे बदलाव आपको दिखाई दे सकते है|

ये सभी बदलाव आम बात है, और ये हार्मोन्स के कारण होते हैं। आपके खान-पान, वंशावली (माता-पिता से प्राप्त गुणों) और जातीय (एथ्निक जैसे भारतीय, अफ्रीकी, चीनी और अन्य) पृष्ठभूमि के कारण भी इनपर असर पड़ सकता है।

आम तौर पर किशोरावस्था 18 या 19 वर्ष की उम्र तक समाप्त हो जाती है, तब तक आपका शरीर एक वयस्क शरीर में बदल चुका होता है।

बाहरी बदलाव :

1. त्वचा और दाग-धब्बे

कई लड़कों में किशोरावस्था के समय त्वचा अधिक चिकनाई बनाना शुरु करती और अधिक पसीना निकलता है। कभी-कभार चिकनाई आपके त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर देती है जिससे दाग-धब्बे हो जाते हैं, जिन्हें मुंहासे कहते हैं। जब आपको ये दाग-धब्बे (मुंहासे) हो जाएं तो त्वचा की चिकनाई कम करने के लिए स्किन क्लीनज़र का प्रयोग करें। आम साबुन का प्रयोग न करें – इससे आपकी त्वचा रूखी हो सकती है जिससे और अधिक दाग-धब्बे (मुंहासे) निकल सकते हैं।

2. बाल

किशोरावस्था में, शरीर के कई स्थानों पर बाल आने लगते हैं। आपको मूंछ या दाढ़ी आ सकती है। आपकी बगलों में लिंग और गुदा के चारों ओर तथा अंडकोषों पर भी बाल उगने शुरु हो जाते हैं। कुछ लड़कों में छाती तथा पीठ पर भी बाल आ जाते हैं। ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लड़कों के शरीर पर कभी भी बाल नहीं आते।

आपके  बाल कब और कितने उगेंगे, यह सब आपके अनुवांशिक गुणों पर निर्भर करता है। यदि आपके शरीर पर अभी कोई नए बाल नहीं आए हैं, तो चिंता न करें। कुछ लड़कों में, ये 11 वर्ष की उम्र में आने शुरू हो जाते हैं जबकि दूसरों में तब, जब वे 15 वर्ष के हो जाते हैं।

3. कंधे चौड़े हो जाते हैं

लगभग 14 वर्ष की उम्र में कई लड़कों के कद में तेज़ी से वृद्धि होती है। अर्थात् आप अधिक लंबे हो जाते हैं और आपके कंधे तथा छाती भी अधिक चैड़े हो जाते हैं।

लड़कियां, आम तौर पर लड़कों की तुलना में ज़ल्दी बढ़ना शुरू करती हैंए अक्सर जब वे 12 वर्ष की होती हैं। आपके इस तेज़ी से बढ़ने से पहले, आपके पेट के आस-पास कुछ अधिक मोटापन हो जाना आम बात है।

4. बढ़े हुए स्तन (छाती)

कई लड़कों की छाती के नीचे सूजन आ जाती है जिससे उनकी छाती बढ़ी हुई या फूली हुई होती हैं। यह आम बात है। कुछ लड़कों की छाती मुलायम होती हैं या उनमें दर्द होता है। साथ-ही एक तरफ की छाती दूसरे से बड़ी हो सकती है। जब कि यह एक आम बात है, लेकिन कुछ लड़के इससे शर्मिंदगी महसूस करते हैं। सौभाग्य से जब किशोरावस्था के बदलाव पूरे हो जाते हैं, तो अक्सर एक या दो वर्षों में यह समस्या नहीं रहती।

5. लिंग और अंडकोष

किशोरावस्था में आपके लिंग और अंडकोष बढ़ते हैं। पहले आपके अंडकोष बड़े होते हैं उसके बाद आपका लिंग। पहले आपका लिंग मोटा होता है उसके बाद लंबा। अधिकांश लड़कों में 15 वर्ष की उम्र तक उनके लिंग अपना पूरा आकार ले लेते हैं।

दूसरे बदलाव:

पसीना आना :

किशोरावस्था में आपको अधिक पसीना आता है, खासकर आपकी बाज़ुओं के नीचे बगलों में। इसका मतलब है कि आपसे पसीने की अधिक गंध आने की संभावना होती है। यह पूरी तरह एक आम बात है।

बस, रोज़ स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। यदि आप चाहें तो डिओड्रेन्ट का भी प्रयोग कर सकते हैं।अन्य अन्दरूनी शारीरिक बदलाव :

पहला वीर्यपात :

11 और 16 वर्ष की उम्र के बीच कभी भी आपका पहला वीर्यपात हो सकता है। जब ऐसा होता है तो आपके लिंग से रंगहीन या सफेद चिपचिपा द्रव बाहर निकलता है, जिसे वीर्य कहते हैं।

आपका पहला वीर्यपात नींद में हो सकता है। जब आपकी नींद खुलती है तो आपको बिस्तर पर गीला धब्बा दिखता है।यह पेशाब नहीं है बल्कि आपका पहला वीर्यपात हुआ है! हस्तमैथुन करते समय भी पहला वीर्यपात हो सकता है।

हस्तमैथुन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। 

वीर्य और शुक्राणु – इनमें क्या अंतर है?

जब वीर्यपात होता है तो लिंग से बाहर आने वाला द्रव वीर्य कहलाता है। यह सफेद चिपचिपा द्रव होता है जिसमें लाखों शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं।प्रत्येक स्वस्थ शुक्राणु कोशिका महिला शरीर में डिंब को निषेचित कर सकता है। वीर्यपात होने के तीन से पांच दिनों तक शुक्राणु जीवित रह सकते हैं।कुछ शुक्राणु तो वीर्यपात के आठ दिनों तक जीवित रहे हैं।

हंसना और रोना :

किशोर होने के दौरान आप एक पल ख़ुशी महसूस कर सकते हैं और दूसरे ही पल उदासी। आप हर एक चीज़ के बारे में अधिक सोचना शुरू कर देते हैं – अपने बारे में और पूरी दुनिया के बारे में।

असुरक्षा की भावना :

चूंकि आपके शरीर में बहुत अधिक बदलाव आने लगते हैं, इसलिए आप असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। आपको यह चिंता हो सकती है कि आप आकर्षक दिख रहे हैं कि नहीं या आपको लोग पसंद करते हैं कि नहीं। आपको अपने नए शरीर में हुए बदलावों का अभ्यस्त होना पड़ेगा। चिंता न करें, यह सब आम बात है!

आपकी आवाज़ फट जाती है (भारी हो जाती है) :

लगभग 14 वर्ष की उम्र में आपकी आवाज़ ‘फट’ जाती है। इसका अर्थ है कि आपकी आवाज़ भारी हो जाती है। और यह इस कारण होता है कि आपके कंठ या घांटी और आपके स्वर तंत्र का आकार बढ़ जाता है।

इस दौरान अचानक आपकी आवाज़ ऊंची और तेज तथा कभी धीमी और भारी निकल सकती है। लेकिन यह केवल कुछ दिनों के लिए होता है। समय के साथ आपकी आवाज़ फिर से स्थिर हो जाती है।

प्यार होना :

किशोरावस्था के दौरान, आप अक्सर किसी पसंदीदा व्यक्ति के बारे में अधिक कल्पना करने लगते हैं।

वह कोई लड़की या लड़का हो सकता है। आप भी चाहते हैं कि वह आपको पसंद करें। आप जब उन्हें देखते हैं तो अंदर से रोमांचित भी महसूस कर सकते हैं। और हो सकता है आपको उनसे प्यार हो जाए।

सेक्स के बारे में सोचना :

किशोरावस्था के दौरान आप सेक्स के बारे में हर चीज़ जानने को उत्सुक रहते हैं।आप अक्सर सेक्स के बारे में सोचते रहते हैं। आप अपने शरीर में अधिक उत्तेजना और जोश महसूस करते हैं।कई लड़के सेक्स की किताबें पढ़ना, तस्वीरें  देखना और दोस्तों से इस बारे में बातें करना पसंद करते हैं।


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