महिला – योनि (Female vagina)

महिला के यौनांग शरीर के अन्दर एवं बाहर होते हैं। वैसे तो योनि (Vagina) शब्द का प्रयोग अक्सर महिला के जननांग या यौनांग के लिए किया जाता है लेकिन योनि यौनांगों का सिर्फ एक भाग होता है। योनि एक नली या द्वार है जो बाहरी यौनांगों को भीतरी यौनांगों से जोड़ती है।

योनि :

योनि वह रास्ता है जो की वल्वा (महिला के भीतरी यौनांग) को गर्भाशय (यूटरस) से जोड़ता है।

यही वह जगह है जहाँ से मासिक धर्म के समय रक्तस्राव होता है, योनि मैथुन के समय लिंग का प्रवेश होता है और जन्म के समय बच्चा बाहर आता है।

योनि एक मांसपेशी से बना अंग है जिसके चारों ओर श्लेष्मा (Mucus) परत होती है – ऐसी त्वचा जो नमी पैदा करती है, मुँह के अन्दर की नमी की तरह।

यह नमी सेक्स के दौरान चिकनाई का काम करती है जिससे सेक्स अधिक आरामदायक एवं आनन्ददायक हो सकता है।

जब कोई लड़की या महिला यौन रुप से उत्तेजित होती हैं तो योनि में गीलापन बढ़ जाता है और वह रिलैक्स या तनावरहित हो जाती है। इससे योनि को लिंग या उंगली के आकार के अनुरुप होने में मदद मिलती है। चूंकि योनि मांसपेशी युक्त है, यह फैल या सिकुड़ सकती है और इस पर आप का स्वयं थोड़ा नियंत्रण होता है।

गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) – स्वयं महसूस करें

यदि आप गर्भाशय ग्रीवा को महसूस करना चाहती हैं तो, योनि में उंगली डालकर इसे महसूस किया जा सकता है। गर्भाशय ग्रीवा योनि (वेजाइना) के अन्त में होती है। यह चिकनी एवं मज़बूत हो सकती है, बिल्कुल आपकी नाक के अग्रभाग की तरह!

यदि महिला उत्तेजित हों तो गर्भाशय ग्रीवा तक पहुँचना मुश्किल हो सकता है क्योंकि उत्तेजना के समय योनि की लम्बाई बढ़ाने के लिए यह ऊपर की ओर खिसक जाती है।

वल्वा

वल्वा वह सब यौनांग हैं, जो की, महिला के शरीर से बाहर हैं, उनकी टांगों के बीच में।

क्या आप जानती हैं की वल्वा कैसी दिखती है? एक आइने की मदद से आप वल्वा को अच्छी तरह से देख व महसूस कर सकती हैं, की उसके विभिन्न अंग, कैसे दिखते या महसूस होते हैं।

  • यह सुनिश्चित कर लें की आप अकेली हैं और कोई इस वक्त, अंदर नहीं आ जाएगा। किसी तकिए का टेक लगा कर ऐसे बैठिए ताकी दोनों टांगों के बीच का हिस्सा खुल जाए या आइने से नज़र आए। आइना लीजिए, और अपनी योनि के बाहरी होंठ को थोड़ा खींच कर अलग करके अब आप आइने में उसकी छवि देख सकतीं हैं।
  • ध्यान से देखने के अलावा, योनि (वजाइना) को महसूस भी कर सकतीं हैं।

हो सकता है किसी लड़की या महिला को अपनी योनि के बाहरी होंठ, भीतरी होंठ या टिठनी न दिखाई दे। यदि वे याद करें तो हो सकता है की एक विशिष्ट प्रथा में उनके बचपन में उनका परिच्छेदन किया गया हो। ’हालांकि ,ये प्रथाएं, भारत में इतनी प्रचलित नहीं हैं, फि़र भी, यह कुछ समाजों में की जाती हैं और कई देशों में आज तक मानी जाती हैं।

हर लड़की या महिला के भगोष्ठ; बाहरी एवं भीतरी होंठ, अलग दिख सकते हैं। कुछ लड़कियों या महिलाओं में यह छोटे हो सकते हैं और कुछ में बड़े। किशोरावस्था आने पर बाहरी होंठ बालों से ढक जाते हैं। बाहरी होठों के बीच में भीतरी होंठ होते हैं जिनका रंग आमतौर पर गहरा होता है।

माप एवं आकार

बाहरी एवं भीतरी होठों का कोई एक सामान्य माप नहीं होता है। दुर्भाग्य से किसी भी चिकित्सा संबंधी किताब या इन्टरनेट पर देखने पर मॉडलों के आदर्श चित्र ही दिखते हैं जिसमें भीतरी होंठ छोटे ही दिखाई देते हैं।

ऐसा भी हो सकता है की इन मॉडेल ने शल्य चिकित्सा की मदद से भीतरी होठों को छोटा करवाया हो।

इस वजह से किशोर लड़कियाँ व महिलाएँ अक्सर यह जान ही नहीं पाती हैं की बाहरी एवं भीतरी होठों की बनावट इससे अलग भी हो सकती है। निसंदेह, बाहरी व भीतरी होठों का माप व आकार भिन्न हो सकता हैं !

लड़कियों के भीतरी होंठ बाहरी होंठ से 0-6 सेंटिमीटर (0-2.3 इन्च) तक बड़े हो सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाली कुछ प्रजातीय समूहों जैसे खोइसान और सान में लड़कियों व महिलाओं के भीतरी होंठ अपेक्षाकृत – बाहरी होंठ से लगभग 10 सेंटीमीटर (4 इंच) तक अधिक बड़े हो सकते हैं।

बाहरी एवं भीतरी होंठ क्यों होते हैं?

दोनों भगोष्ठ (बाहरी एवं भीतरी होंठ) विषाणु, जीवाणु एवं अन्य हानिकारक चीज़ों को योनि(वजाइना) में प्रवेश करने से रोकते हैं।

दुर्भाग्यवश ये सभी जीवाणुओं को नहीं रोक सकते इसलिए सुरक्षित सेक्स करना एवं कण्डोम का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। भीतरी होंठ सेक्स एवं हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) के समय आनन्द को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।

बाहरी या भीतरी होंठ का न होना?

यदि किसी लड़की या महिला के बाहरी या भीतरी होंठ न हों तो वे महिला परिच्छेदन (फीमेल जनाइटल कटिंग) भाग से जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

टिठनी (क्लिटारिस) :

टिठनी वह यौनांग है जो की महिला को यौन आनन्द प्राप्त करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है, असल में यह सिर्फ यौन आनन्द के लिए ही होता है।  टिठनी का अग्रभाग या छोर ही शरीर के बाहर दिखाई देता है पर इसका अधिकतर भाग शरीर के अन्दर ही छिपा होता है।

इसका बाहरी भाग एक उभार के रुप में स्थित होता है जहाँ भीतरी होंठ (लेबिया) मिलते हैं। यह अक्सर मटर के दाने के बराबर होता है पर यह छोटी या बड़ी भी हो सकती है। इसका अग्रभाग एक टोप जैसी संरचना से ढका होता है। टिठनी का रंग आपकी की त्वचा पर निर्भर करता है। इसका रंग गुलाबी, गहरा लाल या भूरा हो सकता है।

असल में टिठनी का ज्यादा भाग शरीर के अन्दर होता है। लिंग की तरह, इसमें एक दण्ड (सॉफ्ट) और एक संवेदनशील सिरा होता है पर टिठनी का दण्ड या अधिक भाग शरीर के अन्दर होता है और केवल सिरा या छोर बाहर की ओर होता है।

संवेदनशील

टिठनी में 8000 से ज्यादा तंत्रिकाएँ होती हैं, इसी कारण यह लड़की या महिला के शरीर का सबसे संवेदनशील अंग होता है। विशेषकर यदि किसी ने पहले कभी अपनी टिठनी को न छुआ हो तो वह इतनी संवेदनशील हो सकती है उसे छूने पर दर्द का अनुभव हो सकता है।

यदि टिठनी को सहलाया, रगड़ा या इस पर मुख या जीभ का इस्तेमाल किया जाए, (चाटा जाए) तो यह आकार में थोड़ी बड़ी हो जाती है। ऐसा करने से एक सुखद एहसास हो सकता है और आप चरमआनन्द प्राप्त कर सकतीं हैं।

स्वयं देखें

टिठनी का सिरा या छोर, छोटे या भीतरी होंठ के ऊपर होता है जहाँ दोनों होंठ मिलते हैं।

यह एक उभार के रुप में होता है जिसका माप 3 मिलीमीटर से 8 मिलीमीटर तक हो सकता है।

इसकी बनावट काफ़ी कुछ लिंग के जैसी होती है और इसका सिरा लिंग के सिरे जैसा होता है जो छूने में बहुत संवेदनशील होता है।

मूत्र मार्ग (यूरिथ्रा) :

मूत्र मार्ग एक नली की तरह होता है जो मूत्राशय (यूरिनरी ब्लैडर) से शुरु होकर मूत्रद्वार (यूरिथ्रल ओपनिंग) तक जाता है – जहाँ से मूत्र बाहर निकलता है। लड़कियों में इस नली की लम्बाई 2.5 से 4 सेंटीमीटर के बीच हो सकती है।

स्वयं देखें

मूत्रद्वार टिठनी (क्लिटॉरिस) के ठीक नीचे स्थित होता है जहाँ भीतरी होंठ (इनर लेबिया) मिलते हैं।

झिल्ली (हाइमन) :

ज़्यादातर लड़कियों में जन्म के समय से ही झिल्ली होती है। यह एक लचीली त्वचा की परत है जो योनि द्वार (वजाइना) के चारों ओर या फि़र उससे आंशिक रुप से ढकी हुई हो सकती है।  झिल्ली अलग अलग आकार, माप एवं मोटाई की हो सकती है। मोटाई में अंतर से अर्थ है की कुछ लड़कियों में झिल्ली इतनी पतली हो सकती है की सेक्स के दौरान उन्हें उसके टूटने का पता ही नहीं चलता।

दूसरी लड़कियों में झिल्ली अधिक मोटी हो सकती है और उन्हें सेक्स करते समय थोड़ा रक्तस्राव हो सकता है। झिल्ली पतली हो या मोटी – दोनों ही सामान्य है। कुछ लड़कियों में तो जन्म से ही झिल्ली नहीं होती है – यह भी पूरी तरह सामान्य है।


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