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किशोरावस्था में आप अक्सर उस व्यक्ति की कल्पना करने लगते हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं। यह कोई भी हो सकते हैं,एक लड़का या लड़की, एक मित्र, कोई जिन्हें आप जानते हों, या यहाँ तक की आपके स्कूल के शिक्षकया कोई फिल्म अभिनेता या कोई पॉप स्टार। और आप स्वयं को किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कल्पना करते हुए भी पा सकते हैं जो आपके ही लिंग के हों।
यदि आप अपने आप को किसी ऐसे व्यक्ति के प्यार में पाते हैं जो आपके ही लिंग के हैं और आपको लगता है की आप उनके साथ सेक्स करना चाहते हैं तो सम्भवतः आप समलैंगिक पुरुष या महिला या द्वीलैंगिक हैं।
यदि आप समलैंगिक हैं तो आप अपने ही लिंग के व्यक्ति की आकर्षित ओर होते हैं। समलैंगिक पुरुष अक्सर गे कहलाते हैं और समलैंगिक महिलाएं लेस्बियन। यदि आप पुरुष एवं महिलाओं दोनों की ओर आकर्षित होते हैं तो आप द्वीलैंगिक हैं। और यदि आप विपरीत लिंग वाले लोगों की ओर आकर्षित होते हैं तो आप विषमलैंगिक हैं।
कुछ लोगों के लिए – विशेषकर लड़कियों के लिए – यौनिकता इन सभी पहचानों में से कोई एक या दूसरी नहीं होती है बल्कि वह एक किस्म के पैमाने (स्केल) पर सरकती रहती है। आप अपने आप को समलैंगिक पुरुष या समलैंगिक महिला नहीं मानते हैं फिर भी आप अपने लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षित हो सकते हैं।
विषम या सम?
यह पता चलना कि आप समलैंगिक है, किसी के लिए ख़ुशी तो किसी के लिए गम का पल साबित हो सकता है, लेकिन यह कई मुद्दों पर निर्भर करता हैI इस पर पढ़िए और जानकारीI
एहसास होना की आप समलैंगिक पुरुष (गे) या समलैंगिक महिला (लेस्बियन) हैं :
इस बात का एहसास होना की आप गे या लेस्बियन हैं एक सुखद एहसास हो सकता है – हो सकता है आप गे या लेस्बियन लोगों को जानते हों या आपकी परवरिश ऐसे लोगों के साथ हुई हो जो समलैंगिकता के बारे में सकारात्मक सोच रखते हों। पर बहुत सारे लोगों के लिए यह एक चौका देने वाला विचार हो सकता है। अतः इस बात का एहसास होना की आप गे या लेस्बियन हैं, एक परेशान कर देने वाला एहसास भी हो सकता है। यह आपको बहुत परेशानी या असमंजस में डाल सकता है और आपको अकेला कर सकता है। इस बात पर निर्भर करते हुए की आप कहाँ रहते हैं, आपकी परवरिश कैसे की गई है, और आपके आस पास के लोगों की सोच कैसी है, आप शर्मिंदगी, निराशा या डर का अनुभव कर सकते हैं।
सारे विश्व में ऐसे लोग हैं जो समलैंगिकता के बारे में बहुत ही नकारात्मक सोच रखते हैं। और विश्व के कुछ भागों में समलैंगिक सेक्स कानूनन अपराध है, और इसके लिए गम्भीर दण्ड भी निर्धारित हैं।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है की बहुत सारे लोग अपनी समलैंगिक भावनाओं को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और एक विषमलैंगिक व्यक्ति की तरह जीवन जीते हैं। हो सकता है वे शादीशुदा हों और उनके बच्चे भी हों पर वे कभी एक संपूर्ण रोमांचक या यौनिक जीवन नहीं बिता पाते हैं क्योंकि विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के साथ संबंध रखना उनकी भावनाओं के विरुद्ध होता है।
यदि आपको लगे की आप समलैंगिक हैं और आप दुख एवं असमंजस की भावना महसूस करें तो निश्चय ही आप अकेले नहीं हैं! गे या लेस्बियन होने में कुछ गलत नहीं है। और आपमें भी कोई खराबी नहीं है।
संख्या :
चूंकी बहुत सारे अध्ययन अलग अलग संख्याएं दर्शाते हैं, अतः यह बता पाना कठिन है की कुल जनसंख्या में समलैंगिक लोगों का क्या अनुपात है।
यह इस बात पर भी निर्भर करता है की आप लोगों से सवाल को कैसे पूछते हैं। जब आप लोगों से पूछते हैं की क्या वे समलैंगिक हैं, क्या उनमें समलैंगिक भावनाएं हैं, या क्या उन्होंने कभी अपने ही लिंग के व्यक्ति के साथ सेक्स का अनुभव किया है, तो आपको सभी सवालों के अलग अलग जवाब मिलेंगें। यह इस बात पर भी निर्भर करता है की लोग अपनी समलैंगिकता के बारे में कितना सच बताना चाहते हैं। यह सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार पर अलग अलग हो सकता है।
पश्चिमी, विकसित देशों में, जहाँ अधिकतर अध्ययन किए गए हैं, नतीजे दर्शाते हैं की करीब 2 से 13 प्रतिशत लोग समलैंगिक हैं। पर इससे ज़्यादा संख्या में लोगों ने विपरीत लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षण का अनुभव किया है या फिर अपने ही लिंग के व्यक्ति के साथ सेक्स किया है।
संक्षिप्त में, ज़्यादा लोग स्वयं को समलैंगिक नहीं कहना चाहते हैं पर बहुत से लोगों में समलैंगिक भावना होती हैं।
दृष्टिकोण एवं कानून
यह कहना काफी कम होगा की विश्व के विभिन्न भागों में समलैंगिकताको लेकर विभिन्न नज़रिए हैं। समलैंगिकता को लेकर लोगों के सांस्कृतिक एवं निजी नज़रिए बहुत पृथक हैं। कुछ लोग, सामान्यतः धार्मिक या परंपरागत कारणों से समलैंगिकता को शर्मनाक या पाप मानते हैं। समलैंगिक लोगों को पूर्वाग्रह एवं भेदभाव, घृणा एवं हिंसा का सामना करना पड़ सकता हैं।
दूसरी ओर, पूरे दुनिया में बहुत सारे लोग समलैंगिकता को सामान्य जीवन का एक हिस्सा मानते हैं। उनका मानना है की गे एवं लेस्बियन लोग भी विषमलैंगिक लोगों की तरह सम्मान के अधिकारी हैं।
समलैंगिकता एवं कानून
कानून समलैंगिकता के साथ कैसे व्यवहार करता है, इसमें भी पूरे विश्व में बहुत मतभेद है।
उदाहरण के लिए नेदरलैंड्स में समलैंगिक युगल विषमलैंगिक जोड़ों की तरह ही शादी कर सकते हैं। इस समय पूरे fo’o में केवल 9 देशों में ही यह संभव है। इनमें से ज़्यादातर युरोप में हैं पर इनमें कैनेडा एवं दक्षिणी अफ्रीका भी सम्मिलित हैं। कई अन्य देशों में समलैंगिकता के लिए विवाह के अलावा कुछ अन्य प्रमाणिक रुप हैं।
दूसरी ओर, अफ्रीका एवं मध्य पूर्व में ऐसे भी देश हैं जहाँ समलैंगिकता पूरी तरह गैरकानूनी है। जिन लोगों को समलैंगिक संबंध का दोषी पाया जाता है उन्हें कारावास या मार पीट सहनी पड़ सकती है। सुडान एवं इरान जैसे देशों में तो मृत्यु दण्ड का सामना करना पड़ सकता है।
आप जहाँ रहते हैं वहाँ का कानून समलैंगिकता को किस नज़रिए से देखता है? यह आप मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनैशनल की मदद से लेस्बियन, गे, द्वीलिंगी, लिंग परिवर्तित लोगों (एल जी बी टी ) की पूरे विश्व में कानूनी स्थिति पर क्लिक करके जान सकते हैं।
विकल्प
कमिंग इन या मिलना जुलना :
बहुत सारे गे एवं लेस्बियन लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण होता है – यह वह समय है जब आप पहली बार दूसरे गे एवं लेस्बियन लोगों से मिलते हैं। अक्सर यह एक बहुत ही सुखद या अच्छा अनुभव होता है – आपको यह एहसास होता है की आप अकेले नहीं हैं!
राज़ रखना :
दुनिया में कई लोगों के लिए अपनी यौनिक पहचान प्रकट करना और समलैंगिक व्यक्ति की तरह खुल कर रहने का विकल्प उपलब्ध नहीं है। आपके आस पास के लोग धार्मिक एवं सांस्कृतिक कारणों की वजह से समलैंगिकता के लिए नकारात्मक नज़रिया रख सकते हैं। और अगर आप किसी ऐसे देश में रहते हैं जहाँ समलैंगिकता गैरकानूनी है तो आप गंभीर जोखिम उठा रहे हैं।
दुनिया के कुछ भागों में गे एवं लेस्बियन लोगों को अपनी यौनिक पहचान गुप्त रखनी पड़ती है। बाहरी दुनिया के लिए वे विषमलैंगिक लोगों की तरह ही रहते हैं, वे शादी कर सकते हैं और उनके बच्चे भी हो सकते हैं।
पर निश्चय ही, दुनिया भर में गे, लेस्बियन एवं द्वीलैंगिक लोग हैं और वे आपस में संपर्क में हैं या समलैंगिक समुदाय के सदस्य हैं, चाहे वह गुप्त ही क्यों न हो।
समलैंगिकता से जुड़े मिथ्य
समलैंगिकता एक विकल्प या चुनाव है।
इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है की आप समलैंगिक या विषमलैंगिक होने के बीच चुनाव कर सकते हैं। समलैंगिकता इस बारे में है की आप अंदर से कैसा महसूस करते हैं, जो जन्म से भी निर्धारित हो सकता है।
समलैंगिकता अप्राकृतिक है – यह एक रोग या मानसिक बीमारी है।
समलैंगिकता मानव यौनिकता का एक प्राकृतिक हिस्सा है। यह विचार की गे एवं लेस्बियन लोगों के साथ कुछ गड़बड़ या गलत है, संस्कृति, परम्परा एवं धर्म पर आधारित है। चिकित्सीय या मनोवैज्ञानिक नज़रिए से, समलैंगिक होना पूरी तरह सामान्य है।
समलैंगिकता प्रकृति का हिस्सा है, और केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि बहुत सारे जानवरों की प्रजातियों जिनमें कीट, मछलियाँ एवं स्तनधारी जीव शामिल हैं – हाथियों, डाल्फि़न, भालुओं, भैसों में भी समलैंगिक रिश्ते पाए गए हैं।
समलैंगिकता का इलाज संभव है।
समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है अतः इसका ’इलाज‘ नहीं हो सकता है। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है की कोई भी चीज़ आपको समलैंगिक से विषमलैंगिक होने में बदल सकती है। आप बस ऐसे ही होते हैं। लोग जो धार्मिक कारणों या सामाजिक एव सांसकृतिक दबाव के कारण अपनी समलैंगिकता से दुखी हैं, कभी कभी वे अपनी यौनिक भावनाओं का दमन करना या उन्हें छिपाना सीख लेते हैं।
गे एवं लेस्बियन लोग अन्य लोगों को भी समलैंगिक लोगों में बदल सकते हैं।
किसी को भी समलैंगिक व्यक्ति में ’परिवर्तित‘ नहीं किया जा सकता है उसी तरह जैसे समलैंगिकता का इलाज नहीं हो सकता है। आप बस ऐसे ही होते हैं। और अगर ऐसा संभव भी हो सकता हो तो गे एवं लेस्बियन लोग समलैंगिकता में अन्य लोगों की भर्ती करने नहीं निकले हैं! कुछ लोगों का कहना है की उन्हें अपनी यौनिक पहचान के बारे में ठीक तरह से किसी विशिष्ट व्यक्ति या अनुभव द्वारा पता चला – पर ऐसा नहीं है की उस विशिष्ट व्यक्ति या अनुभव ने उन्हें समलैंगिक ’बना दिया‘। ज़्यादातर गे एवं लेस्बियन लोगों का कहना है की वे अपनी यौनिक पहचान के बारे में हमेशा से जानते थे।
यदि आप किसी दूसरे लिंग के व्यक्ति के साथ शादी या सेक्स कर लें तो आपकी समलैंगिकता का इलाज संभव है।
यदि आप समलैंगिक हैं तो कोई भी विशिष्ट अनुभव आपको विषमलैंगिक नहीं बना सकता है वैसे ही जैसे कोई एक अनुभव आपको समलैंगिक नहीं बनाता। एक बार फिर, आप बस ऐसे ही होते हैं।
आपको समलैंगिक लोगों से सर्तक रहना चाहिए की कहीं वह आपकी ओर कदम तो न बढ़ा रहें हों।
सबसे पहले, केवल इसलिए की कोई व्यक्ति गे या लेस्बियन हैं इसका अर्थ यह नहीं होता की वे अपने लिंग के हर व्यक्ति के साथ सेक्स करना चाहते हैं। और इसका यह मतलब भी नहीं है की वे आवश्यक रुप से आपकी ओर आकर्षित होते हैं – अपने आप को बहलाएं ना!
दूसरी बात, यदि कोई गे या लेस्बियन व्यक्ति आपकी ओर आकर्षित होते भी हैं तो उन्हें आपके द्वारा दिए गए उन संकेतों की जानकारी होने की संभावना है, जो आप यह बताने के लिए दे रहे हैं की आप विषमलैंगिक हैं।
अंततः, यदि आप गंभीर यौन उत्पीड़न को लेकर चिंतित हैं तो यह ध्यान में रखें की ज़्यादातर पुरुष जो पुरुषों का बलात्कार करते हैं, वे विषमलैंगिक होते हैं।
आप समलैंगिक लोगों के रुप एवं व्यवहार देखकर उनकी पहचान कर सकते हैं।
विषमलैंगिक लोगों की तरह ही सभी गे एवं लेस्बियन लोग एक जैसे नहीं दिखते और ना ही व्यवहार करते हैं। कुछ गे एवं लेस्बियन लोग हैं जो इस रुढ़ीबद्ध या पारंपरिक छवि के अनुरुप हो सकते हैं पर और बहुत से ऐसे लोग हैं जो इससे बिल्कुल अलग हैं। और, समलैंगिक लोग जीवन के हर क्षेत्र में हैं। (दूसरी ओर, गे पुरुष एवं लेस्बियन, किसी व्यक्ति के सूक्ष्म संकेतों को भी पहचान कर,यह बताने में प्रसिद्धरुप से सक्षम होते हैं, की व्यक्ति समलैंगिक हैं – इस क्षमता को सामान्यतः ’गेडार‘ कहते हैं )
आप बच्चों के मामले में समलैंगिक लोगों पर विश्वाश नहीं कर सकते हैं – वे ज़्यादातर पीडोफाइल (’वह लोग जो सिर्फ़ बच्चों के साथ सेक्स करना पसंद करते हैं) होते हैं।
समलैंगिक होने और पीडोफाइल होने में कोई भी संबंध नहीं होता है। विषमलैंगिक एवं समलैंगिक दोनों ही पीडोफाइल हो सकते हैं।
समलैंगिक लोगों को एड्स होने की संभावना होती है – यह एक गे बीमारी है।
पूरे संसार में एचआईवी एवं एड्स विषमलैंगिक लोगों में ज़्यादा आम है।
समलैंगिक लोगों का सेक्स करने का तरीका घिनौना होता है।
विशेष रुप से बहुत से विषमलैंगिक पुरुष समलैंगिक सेक्स के विचार से ही भयभीत हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे यह स्वयं नहीं करना चाहेंगें। या फिर हो सकता है कहीं भीतर मन में उन्हें यह विचार उत्तेजक लगता हो और वे इस बात को मानना न चाह रहे हों।
यदि आपको समलैंगिक सेक्स खराब या घिनौना लगता है तो यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि आप अपने ही दृष्टिकोण से इसकी आलोचना कर रहे हैं। कुछ उसी प्रकार से जैसे, आपका पसंदीदा खाना जो आपको बहुत स्वादिष्ट लगता हो, पर किसी दूसरे व्यक्ति के लिए घृणित हो सकता है।
लोग सेक्स को केवल गुदा मैथुन के साथ जोड़ते हैं। पर बहुत से गे लोग गुदा मैथुन नहीं करते हैं – वे सेक्स करने के दूसरे तरीके पसंद करते हैं। और निश्चय ही बहुत से विषमलैंगिक लोग भी गुदा मैथुन करते हैं। आप ऐसा करते हैं या नहीं, यह आपका निजी चुनाव है।